बुधवार, 30 जनवरी 2019

सावन महीना

छाई घटा घनघोर नांचे वन में मोर ।
जल ही जल चहुँओरमेढ़क करता शोर ।
छम -छम -छम बुंदो का पड़ना।
सान -सन -सन हवां का बहना।
मस्त हो कर पेडों का झुमना।
लगता सबको बड़ा सुहाना ।
हल ले चले किसान भाई ।
और माँ बहने करने धान रुपाई।
किसानों के बेलो का हाँकना।
झुण्ड में धान रोपनीयोंका गाना।
फिजाओं में बहता यही तराना।
तब लगता आया सावन महीना।


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