छाई घटा घनघोर नांचे वन में मोर ।
जल ही जल चहुँओरमेढ़क करता शोर ।
छम -छम -छम बुंदो का पड़ना।
सान -सन -सन हवां का बहना।
मस्त हो कर पेडों का झुमना।
लगता सबको बड़ा सुहाना ।
हल ले चले किसान भाई ।
और माँ बहने करने धान रुपाई।
किसानों के बेलो का हाँकना।
झुण्ड में धान रोपनीयोंका गाना।
फिजाओं में बहता यही तराना।
तब लगता आया सावन महीना।
जल ही जल चहुँओरमेढ़क करता शोर ।
छम -छम -छम बुंदो का पड़ना।
सान -सन -सन हवां का बहना।
मस्त हो कर पेडों का झुमना।
लगता सबको बड़ा सुहाना ।
हल ले चले किसान भाई ।
और माँ बहने करने धान रुपाई।
किसानों के बेलो का हाँकना।
झुण्ड में धान रोपनीयोंका गाना।
फिजाओं में बहता यही तराना।
तब लगता आया सावन महीना।
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