रविवार, 13 जनवरी 2019

कोन सा दामाद अच्छा है (हास्य-व्यग्य)

एक गाँव म एक किसान रहता था । उस किसान का सिर्फ तीन बेटियाँ ही थी,कोई बेटा नहीं था।जब तीनो बेटियों की शादी हो गई तब उस किसान की पत्नी अपने पति से बोली।

हमारे तो कोई बेटा नहीं है जो बुढ़ापे में हमारी देख-भाल कर सके ,इस लिए हमें इन तीनो दामाद में से एक को घरजमाई रखना पड़ेगा । पति ने भी हाँ से हाँ मिलाया एक एक पत्नी भक्त पति की तरह ,क्यों कि घर में उनकी पत्नी की ही चलती थी।वे बेचारा करता भी क्या। अब यह सवाल उठ रहा था,कि तीनो दामाद में से कौन सबसे अच्छा है ।जिसे घर जमाई रखा जा सके।

पति ने सबसे अच्छा दामाद चुचने का जिम्मा अपने पत्नी पर छोड़ दिया।किसान की पत्नी ने अपने दामादों का परीक्षा लेनी की ठानी । देहात में घर था ,आगे घर और घर के पीछे तालाब । उस दिन बड़ा दमाद जी आया हुआ था। वह तालाब  में छलांग लगा दी व जोर-जोर से चिल्लाई बचाओ-बचाओ बड़े दामाद ने सुना, और आव देखा न ताव तालाब में  कूद कर सासु माँ को बच्चा लिया। इस पर सासु जी इतनी खुश हुई कि दामाद जी की एक चार चक्का गाड़ी(थोड़ी काम दाम वाली) खरीद का दामाद जी को भेट कर दी।दामाद ख़ुशी-खुशी अपने घर चले गए।

अब बारी मंझले दामाद का था, फिर से वही वाक्या दोहराया गया । मंझले दामाद ने भी जान पर खेल कर सासु माँ की जान बचाया।इस बार सासु जी ने उसे एक मोटर साईकिल भेट किया। वह भी खुशी-खुशी अपने घर चला गया।

अब बारी था छोटे दामाद की परीक्षा का,एक दिन जब छोटे दामाद भी घर आये थे और वह औरत तालाब में कूद गई, बचाओ-बचाओ की आवाज लगाने लगी संयोग से वह किसान भी उस दिन घर से बाहर गया था।और उसे तैरना भी नहीं आता था। जब छोटे दामाद को बचाओ -बचाओ की आवाज सुनाई दिया तो वह मन मार का बेठा रहा । उसने सोचा पहली बार बड़े साडू जी ने बचाया , उन्हें चार चक्का मिला मंझले साडू जी ने बचाया तो उनको दो चक्का मिला था। क्या पत्ता इस बार मुझे साईकिल ही ना थामा दे ,यह सोच वह अपनी जगह से हिला नहीं । उधर उनका सासु जी का राम नाम सत्य हो गया तालाब में डूबने से ।

थोड़ी देर बाद किसान घर आया देखा बीबी मरी हुई थी किर्या कर्म शुरू हुआ । सब श्राद्ध पूरा कर के जब छोटे दामाद घर  जा रहा था ,तब ससुर जी ने दामाद को एक मर्सिडीज कार भेट किया। दामाद एक दम भौचक्का रह गया! ससुर जी मुस्कुराये बोले जो ख़ुशी आपने मुझे दिया है उसके लिए तो यह भेट बहुत छोटी है।


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