झारखण्ड राज्य के हजारीबाग- गिरिडीह जिला के सीमा के बगोदर प्रखंड मैं NH 2 के बगल में बेको में स्थित सोना पहाड़ी मंदिर पूरे इलाके में विख्यात है , 426 फीट ऊंची पहाड़ी पर 126 सीढ़ियों के सहारे मां द्वारसेनी एवं बाबा द्वारसैनी की पूजा अर्चना के लिए रोज बहुत सारे श्रद्धालु पहुंचते हैं ।
यहाँ की हरयाली एवं स्वछ वातावरण के कारण सेनालियो को बरबस अपनी और आर्कसित कर रहा है। पूरे इलाके का मनोरम दृष्य का आनंद लिया जा सकता है। द्वार सैनी माता यहां पिंडी रूप में विराजमान हैं, यहां द्वार सैनी माता के साथ-साथ बजरंगबली और मां काली के भी मंदिर स्थित है ।
यहां मन्नत मांगने वाले भक्तो की लगभग सालों भर तांता लगा रहता है । बहुत सारे भक्तजनो के आने से यहाँ पर्यटन की आपार सम्भावना बन गई है , और इस अति पिछड़े इलाके में इस मंदिर की वजह से पूरे इलाके के लोगो मे उमीद की एक किरण जाग गई है। क्योंकि उसे अपने ही गॉव में रोजगार का अवसर मिल गया है।
यहां अगल-बगल के राज्यों से भी बहुत सारे भक्त आते है। यहां से मन्नत मांगने वालो की मन्नत पूरी होने पर यहाँ बकरे की बली दी जाती है । बली की गई बकरे का मांस प्रसाद स्वरूप उसी गांव में बना कर खाया जाता है , इसके लिए वहाँ पर कमरा, हॉल , वर्तन किराये पर मिल जाता है। प्राय- प्राय सभी खाने-पीने वस्तुओ की दुकान यहाँ है , जिसमे आप समान खरीद कर खाना बना कर खा सकते है। यहां ये भी मान्यता है कि वहाँ का प्रसाद रूपी खाना आप गांव से बाहर नही ले जा सकते । एक तो आप खाने खाकर खत्म कर दिजिए या किसी मे बाट दिजिए ।
सोना पहाड़ी जाने के लिए तीन मुख्य शहर से दूरी ,धनबाद से सोना पहाड़ी की दूर 61 किलोमीटर सफर 1:30 घंटे का , हजारीबाग से 66 किलोमीटर सफर 1:30 घंटे का ,और गिरीडीह से 52 किलोमीटर सफर 1 घंटे का है। ऐसे नेशनल हाइवे 2 के वगल में होने के कारण आप कहीं से और कभी भी वहां जा सकते है।
राम राम , जय हिन्द ।
यहाँ की हरयाली एवं स्वछ वातावरण के कारण सेनालियो को बरबस अपनी और आर्कसित कर रहा है। पूरे इलाके का मनोरम दृष्य का आनंद लिया जा सकता है। द्वार सैनी माता यहां पिंडी रूप में विराजमान हैं, यहां द्वार सैनी माता के साथ-साथ बजरंगबली और मां काली के भी मंदिर स्थित है ।
![]() |
द्वारसेनी माता एवं द्वारसेनी बबा मंदिर सोना पहाड़ी झारखंड |
यहां मन्नत मांगने वाले भक्तो की लगभग सालों भर तांता लगा रहता है । बहुत सारे भक्तजनो के आने से यहाँ पर्यटन की आपार सम्भावना बन गई है , और इस अति पिछड़े इलाके में इस मंदिर की वजह से पूरे इलाके के लोगो मे उमीद की एक किरण जाग गई है। क्योंकि उसे अपने ही गॉव में रोजगार का अवसर मिल गया है।
यहां अगल-बगल के राज्यों से भी बहुत सारे भक्त आते है। यहां से मन्नत मांगने वालो की मन्नत पूरी होने पर यहाँ बकरे की बली दी जाती है । बली की गई बकरे का मांस प्रसाद स्वरूप उसी गांव में बना कर खाया जाता है , इसके लिए वहाँ पर कमरा, हॉल , वर्तन किराये पर मिल जाता है। प्राय- प्राय सभी खाने-पीने वस्तुओ की दुकान यहाँ है , जिसमे आप समान खरीद कर खाना बना कर खा सकते है। यहां ये भी मान्यता है कि वहाँ का प्रसाद रूपी खाना आप गांव से बाहर नही ले जा सकते । एक तो आप खाने खाकर खत्म कर दिजिए या किसी मे बाट दिजिए ।
![]() |
बजरंगबली मंदिर सोना पहाड़ी झारखण्ड |
सोना पहाड़ी केसे जाए
सोना पहाड़ी जाने के लिए तीन मुख्य शहर से दूरी ,धनबाद से सोना पहाड़ी की दूर 61 किलोमीटर सफर 1:30 घंटे का , हजारीबाग से 66 किलोमीटर सफर 1:30 घंटे का ,और गिरीडीह से 52 किलोमीटर सफर 1 घंटे का है। ऐसे नेशनल हाइवे 2 के वगल में होने के कारण आप कहीं से और कभी भी वहां जा सकते है।
राम राम , जय हिन्द ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें