रविवार, 24 जनवरी 2021

ब्रह्मांड घाट (Brahmand ghat) महावन गोकुल - जहां लगता है मिट्टी का भोग।

मथुरा के नन्द भवन से कुछ दुरी पर महावन स्थान पर यमुना जी का यह किनारा जिसे सब ब्रह्माण्ड घाट की नाम से जानते है। कथा के अनुसार कृष्ण भगवन अपने बाल  अवस्था में यमुना जी की किनारे बाल शाखाओ के साथ   खेल रहे थे , खेलते - खेलते उन्होंने मिट्टि खा लिया। यह बात पानी भरने आई कुछ गोपिओ ने यशोदा माँ को बता दिया की यशोदा (तीरो लाला ) तेरा बेटा मिट्टि खा रहा है।

Brahmand Bihari Mandir, Brahmand ghat gokul mathura.
Brahmand Bihari Mandir, Brahmand ghat gokul mathura.


यह सुन यशोदा माँ को बहुत गुस्सा आया और  यमुना किनारे जाकर जंहा कान्हा मिट्टि खा रहा था , बोली क्या रे कान्हा मिट्टि खा रहा है क्या , कान्हा ने बड़े भोलेपन से सर हिला कर ना में जबाब  दिया। तब जाकर  माता ने साथ खेल रहे ग्वाल बालको से पूछा तो सबने कहा की कान्हा के मट्टी खाई है।  तब माँ गुस्से में कान्हा से कहा लाला  (बेटा ) मुँह खोल देखे तूने कितनी मिट्टि खाई। 

https://youtu.be/3m-NsTAPe84 

 अब जा कर कह्नैया को लगा अब तो चोरी पकड़ी गई अब तो मुँह दिखाना ही  पड़ेगा। कृष्ण भगवन ने मुँह  खोल कर माता को  दिखाई. जैसे ही माता कृष्ण के मुहँ मे झांकी तो मिट्टी के जगह पूरा ब्रह्माण्ड दिखाई देने लग अरबो- खरबो तारे नक्षर दिखाई पडने लगे यह देख माता बेहोश हो गई। तब जाकर कृष्ण ने अपना मुंह बंद कर माता को होस मे लाया । इसी लिए यमुना के इस घाट को ब्रह्माण्ड घाट कहा जाता है , जहाँ अभी भी मिट्टी का भोग ( प्रसाद) लगता है।



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