सोमवार, 4 फ़रवरी 2019

तुम्हे मुबारक हो

काँटों से घिरे इस वन से,
अपना ना हो कोई उस आँगन से।
आये  थे  जिस  मेले  से    तुम , 
उस         मेले       से  ।
                        बिदाई तुम्हे मुबारक हो।                                                          
जिस रास्ते तुम गए  ,
उसी रस्ते सबको जाना है।
फर्क इतना तुम आज गए,
हमें बाद में जाना है।
जल्दी पहुँचो हे महान आत्मा,

                    परमात्मा तुम्हे मुबारक हो।

जो शारीर तुमने छोड़ा,
वह माटी था माटी में मिल गया।
उसमे जो आत्मा थी उसे प्रणाम,
तुम्हारे आत्मा का परमात्मा से ।

                      मिलन का तुम्हे मुबारक हो।












चमचागिरी

चमचागिरी का है जमाना,
इससे यारो तुम बच के रहना।
चमचागिरी करने वाले होते बेईमान,
अपने स्वार्थ के खातिर,
करते  सबकोे परेशान।
अगर न होते ये चमचे,
होते कितने अच्छे,
चेन से जीते सब,
रहता सबसे प्यार,
बड़े छोटे का यँहा,
होता न दिवार।
चमचों की इस दुनियां ने,
बहुतो को मारे,
उसमे से एक हम है 'बेचारे'।